Narco Test:
दोस्तों Narco Test होता क्या है और इस टेस्ट में अपराधियों से कैसे सच उगलबाया जाता है, कैसे Narco Test प्रोसैस पूरी होती है ?
Narco Analysis Test एक बिशेष प्रकार टेस्ट होता है, जिसमें अपराधी को एक ट्रुथ सीरम दिया जाता है। यानि उस ब्यक्ति को सोडियम पेंटोथल नाम एक साइको एक्टिव ड्रैग दिया जाता है, जिससे ओ ब्यक्ति बेहोशी की स्थिति में चला जाता है। लेकिन दिमाग सक्रिय रहता है, यानि ओ ऐसी अबस्था चला जाता है, जिसमे उनके झूठ बोलना नामंकिन सा हो जाता है। जिसके बाद उस ब्यक्ति से अपराध से जुड़े सबाल पूछे जाते है।
इस टेस्ट खासियत ये है की दिये गए ट्रुथ ड्रैग की बजह से ब्यक्ति सोचने और समझने की क्षमता खो देता है। इसीलिए ओ पूछे गए सबलों के मनगठन जबाब नेही दे पाते है, बल्कि उसके दिमाग में असली घटना की जो छबी और जानकारी मजूद होती है ओ उसे बता देता है।
Narco Test करने से पहले डॉक्टर संदेहिक ब्यक्ति की जांज करते है और जब ओ शारीरिक तौर पर ठीक होता है, तब इस प्रोसैस को शुरू किया जाता है। जिसमें पहले ब्यक्ति को टेस्टिंग रूम में ले जाया जाता है, फिर टेस्टिंग मेशिन को जोड़ा जाता है, फ़्हिर उसे ट्रुथ सीरम दिया जाता है। बतादे ki ट्रुथ सीरम इंजेक्शन के डोज़ ब्यक्ति के जेंडर, एज, हैल्थ के हिसाब से तय की जाती है। बही इस टेस्ट के दौरान ब्यक्ति की पल्स और Blood Pressure की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। और अगर इस टेस्ट के दौरान अगर पल्स गिर जाती है, तो उसे Oxyzen दी जाती है।
इस टेस्ट के दौरान मुख्ह रूप से Polygraph और Brain Mapping इन दोनों मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें से polygraph मशीन से नार्को टेस्ट किए जाने बाले ब्यक्ति की Nerves, Blood Pressure, हार्ट के साथ बॉडी में होने बाली अन्न गतिबिधिओं को रिकॉर्ड किया जाता है। बहीं Brain Mapping मशीन से ब्यक्ति के दिमाग में चलने बाले हलचल को रिकॉर्ड किया जाता है, जिससे expert अपने computer में एनालिसिस करके ब्यक्ति सच बोल रहा है इया झूठ, उसका पता लगा लेते है।
अब ट्रुथ सीरम लगाने के बाद expert उनके बेहोस होने का इंतजार करते है और बह जैसी ही बेहोसी की हालत में आने लगता है तो सबसे पहले उससे कुछ आम सबाल पूछे जाते है। जैसे की आपका नाम, आप कहाँ रहते है, दरसल इन सभी सबालों जवाब सुन कर expert ये पता करते है की अपराधी अभी semiconses Stage पर आया है इया नहीं, जिसके बाद धीरे धीरे Crime से जुड़े सबाल पूछे जाते है। अब क्योंकि ट्रुथ सीरम देने के बाद ब्यक्ति दिमागी तौर पर एक स्लो स्टेज में पौंछ जाता है और उसकी लॉजिकल एबिलिटि काफी कम हो जाती है। तो ऐसे में उस सबालों के सही जवाब देने लगता है।
दोस्तों Narco Test करने का उदेशा सिर्फ सच उगलना नहीं होता, बल्कि कही मामलो में इसे सिर्फ जानने की कौशीस की जाती है की ये ब्यक्ति घटना में शामिल है भी या नहीं। ऐसे में ब्यक्ति को Computer स्क्रीन के सामने रखा जाता है, और ट्रुथ सीरम दिया जाता है। जिसके बाद उसे पहले जंगल, पहाड़, फूल, फल और सब्जी जैसे सामान्य दृश्व दिखाया जाता है और फिर धीरे धीरे करके अपराध से जुड़ी तसबीरे दिखाया जाता है। इस दौरान ब्यक्ति की शरीर की गतिबिधिओं की जांज की जाती है। ऐसे में मन और शरीर अलग अलग पतिक्रिया करते है, तो ये पता लग सकता है ब्यक्ति उस अपराध की जगह मजूद था या नहीं।
Narco Test और Live Detecter Test में क्या फर्क होता है, तो दोस्तों कोई ब्यक्ति जब झूठ बोलता है तब उसकी शरीर में कहीं बदलब आते है। जैसे की झूठ बोलते समय इंसान को पसीने आने लगते है। कहीं बार हात और पैर कपकपाने लगते है, साँसे तेज हो जाती है, धड़कने भी तेज हो जाती है, Blood Pressure भी कहीं बार हाई हो जाता हाई और होट भी कापने लागते हाई। इयानी की झूठ बोलते की बक्त ब्यक्ति की शरीर में बेचनी आती है और Live Detector Machine इनी बदलाबों को लेकर ये पाता लगाती है की कोई ब्यक्ति कब झूठ बोल रहा है और कब सच बोल रहा है।
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